janpath
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रक्खे हैं दरबार में सौ जूते – सौ प्याज,
सौ जूते खा लो मियां या खाओ सौ प्याज ।
या खाओ सौ प्याज ठाकरे ने फरमाया,
मातोश्री में जाय मियां ने दोनों खाया ।
मियां उसे खाने पड़ते हैं सौ-सौ धक्के,
जो अपनी इज्जत न अपने हाथों रक्खे ।
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